राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस
25th ऑपरेशन शक्ति की 25वीं वर्ष गाँठ
1998-2023
भारत ने शुरू से ही, हमेशा पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण की वकालत की है। हालांकि, इन प्रयासों से कोई सफलता नहीं मिल रही थी । इसके परिणामस्वरूप, उभरती भू-राजनीतिक स्थिति के कारण 1974 में शांतिपूर्ण परमाणु विस्फोट क्षमता का प्रदर्शन हुआ। 1998 में, तत्कालीन सरकार ने मई 1998 में पांच अलग-अलग वेरिएंट का परीक्षण करके भारत की परमाणु निवारक क्षमताओं को प्रदर्शित करने का निर्णय लिया।
सामान्य रूप से, परमाणु ऊर्जा विभाग और विशेष रूप से भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र को व्यापक प्रतिबंधों और प्रौद्योगिकी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। 1998 में प्रदर्शित क्षमताओं के लिए भौतिक परीक्षण, विशेष सामग्री प्राप्त करने के लिए जटिल प्रक्रियाओं का विकास, सूक्ष्म निर्माण संबंधी योग्यता, विश्वसनीय विद्युतीय प्रणाली आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता की आवश्यकता थी। ऐसी क्षमताएं दुनिया के बहुत कम देशों के पास उपलब्ध हैं और विभिन्न क्षेत्रों में तकनीकी प्रगति के बिना इस तरह का विकास संभव नहीं हैं। डीएई के अलावा, डीआरडीओ ने भी 1998 के दौरान परीक्षणों की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
देश के विकास के लिए किए गए प्रयासों को भारत के तत्कालीन माननीय प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी द्वारा मान्यता दी गई और 1999 के बाद से, इस दिन को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। यह भारतीय वैज्ञानिको, इंजीनियरों, और प्रौद्योगिकीविदों को सम्मानित करने के लिए है, जिन्होनें मई 1998 में भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति और पोखरण परीक्षण के सफल संचालन के लिए काम किया। तभी से राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस, प्रत्येक वर्ष 11 मई को मनाया जाता है। यह प्रति वर्ष एक नए और अलग थीम के साथ मनाया जाता है। 25वां राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 11 मई 2023 को मनाया गया, जिसका विषय “स्कूल टू स्टार्ट–अप - इगनाइटिंग यंग माइंडस टू इनोवेट” है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 25वें राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर यह स्मारक सिक्का जारी किया।