भारत सरकार

Government of India

वित्त मत्रांलय

Ministry of Finance

राष्ट्रीय कैडेट कोर की हीरक जयंती (मूल्यवर्ग `75) - फ़ोल्डर पैकिंग (प्रूफ़) - एफजीसीओ001170

3,820.00

उपलब्धता: 493 स्टॉक में

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स्वतंत्र भारत में एन.सी.सी. का औपचारिक रूप से उद्घाटन केवल 20,000 कैडेट्स के साथ, 1948 के राष्ट्रीय कैडेट कोर अधिनियम द्वारा 15 जुलाई 1948 को किया गया था। इसका उद्देश्य स्वयंसेवी युवाओं को कुशल नेता और ज़िम्मेदार नागरिक बनाना था। 1949 में महिलाओं के विंग को शामिल करने वाला यह पहला संगठन बना और 1950 में वायुसेना विंग तथा उसके बाद 1952 में नौसेना विंग को जोड़कर यह त्रि-सेवा संगठन बना।

पिछले 75 वर्षों में, एनसीसी ने ‘एकता और अनुशासन’ तथा ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की अपनी लोकनीति को संरक्षित रखते हुए देशभर में 21,000 से अधिक स्कूल /कॉलेज /संस्थानों में 17 लाख स्वीकृत शक्ति के साथ सबसे बड़े वर्दी सहित स्वयंसेवी संगठन के रूप में उभरा है। देश के कोने-कोने में एन.सी.सी के विस्तार से, अनुशासित, प्रशिक्षित और प्रेरित युवाओं का विशाल मानव संसाधन तैयार हुआ है, जो जीवन के सभी क्षेत्रों में नेतृत्व प्रदान करते हैं और राष्ट्र की सेवा के लिए तत्पर हैं। युद्धों और राष्ट्रीय आपात स्थितियों के दौरान एन.सी.सी के योगदान को ‘रक्षा की दूसरी पंक्ति’ का दर्जा प्राप्त है।

एन.सी.सी अपने चयनित कैडेट्स को न केवल राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाता है अपितु युवा विनिमय प्रोग्राम के तहत विदेश अनुभव भी प्रदान करता है। एन.सी.सी एलुमिनाई जीवन के सभी क्षेत्रों में सफल रहे हैं और एन.सी.सी एलुमिनाई एसोसिएशन का गठन युवा कैडेट्स के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। भविष्य में एन.सी.सी, एक सैन्य वातावरण में आयोजित बहुमुखी कार्यक्रमों के माध्यम से चरित्र गुणों को विकसित करने, युवाओं में अनुशासन बनाने और सामाजिक एकीकरण के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।

सिक्के का मूल्य वर्ग आकार और बाहरी व्यास मानक भार धातु संरचना
पचहत्तर रुपए मात्र

वृत्ताकार

व्यास- 44मिमी

दांतो की संख्या -200

35 ग्राम चतुर्थक मिश्र धातु

चाँदी – 50%, तांबा – 40%

निकेल – 05% and जिंक - 05%