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केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का हीरक जयंती वर्ष (मूल्यवर्ग `60) (प्रमाण) - लकड़ी की पैकिंग -एफजीसीओ001189

सिक्का प्राप्त न होने की स्थिति में इसकी जानकारी ऑर्डर की तारीख से नब्बे (90) दिनों के भीतर संबंधित विभाग के ध्यान में लाई जानी चाहिए। डाक द्वारा भेजे गए सिक्का सेट के पहुँचने में देरी या उसके खो जाने पर टकसाल ज़िम्मेदार नहीं होगी और उसके एवज में दूसरा (सब्स्टीट्यूट) सिक्का सेट के लिए दावा तब तक नहीं स्वीकार किया जाएगा, जब तक कि डाक प्राधिकारी द्वारा बीमा राशि वापस नहीं कर दी जाती।

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केंद्रीय जांच ब्यूरो, भारत में एक प्रमुख जांच पुलिस एजेंसी है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली, भारत में स्थित है और इसे दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन (डीएसपीई) अधिनियम, 1945 के तहत जांच करने की शक्ति प्राप्त है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, वर्ष 1941 में ब्रिटिश भारत के युद्ध विभाग में, घूसख़ोरी और भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने के लिए विशेष पुलिस स्थापना (एसपीई) का गठन किया गया था। वर्ष 1963 में, भारत सरकार द्वारा विशेष पुलिस स्थापना (एसपीई) का नाम बदलकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर दिया गया और इसे गंभीर अपराधों की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई।

केंद्रीय जांच ब्यूरो भ्रष्टाचार के सभी आयामों में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए उद्यमिता, निष्पक्षता और अखंडता के अपने आदर्श के साथ निरंतर और व्यवस्थित रूप से काम करती है। पिछले 60 वर्षों में, सीबीआई एक भ्रष्टाचार-विरोधी एजेंसी से एक बहुआयामी, बहु-विषयक केंद्रीय पुलिस कानून प्रवर्तन एजेंसी के रूप में विकसित हुई है, जिसके पास देश में होने वाले अपराधों जैसे आर्थिक अपराध, शारीरिक अपराध, अंतर्राष्ट्रीय रिश्वतखोरी के मामले और साइबर अपराध की जांच में उत्कृष्टता हासिल है। सीबीएआई द्वारा जांच किए मामलों में दोषसिद्धि की दर सराहनीय है और इसलिए जनता, संसद और न्यायालय का इन पर पूर्ण विश्वास है।

पिछले कुछ वर्षों में, केंद्रीय जांच ब्यूरो ने देश में लोक सेवकों के बीच ईमानदारी को प्रोत्साहित और विकसित करके पारदर्शिता और सुशासन में सुधार लाने में बहुत योगदान दिया है।

केन्द्रीय जांच ब्यूरो भारत के लिए इंटरपोल के राष्ट्रीय केन्द्रीय ब्यूरों (एनसीबी) के रूप में कार्य करता है और कंप्यूटर से संबंधित अपराधों की जांच के लिए केंद्र सरकार की अधिकृत एजेंसी है।

केंद्रीय जांच ब्यूरो की स्थापना के 60 वें वर्ष के उपलक्ष्य में, एक स्मारक सिक्का जारी किया गया है।

60 रुपये मूल्यवर्ग के स्मारक सिक्के के अग्रभाग पर अशोक चिह्न है, जिस पर “सत्यमेव जयते” लिखा है, साथ में “रुपये” और “Rupees” लिखा हुआ है और शीर्ष पर “भारत” और “INDIA” लिखा हुआ है। सिक्के के पृष्ठभाग पर नीचे ‘1963-2023’ के साथ सीबीआई के लोगो के साथ देवनागरी में “केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो” और “हीरक जयंती वर्ष” तथा अंग्रेज़ी में “Central Bureau of Investigation” और “Diamond Jubilee Year” लिखा है।

सिक्के का मूल्य वर्ग आकार और बाहरी व्यास मानक भार धातु संरचना
केवल साठ रुपए

वृत्ताकार

व्यास- 44मिमी

दांतो की संख्या -200

35 ग्राम चतुर्थक मिश्र धातु

चाँदी – 50%, तांबा – 40%

निकेल – 05% and जिंक - 05%