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बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष 2023 (`75 का मूल्य) - लकड़ी की पैकिंग (प्रूफ) - एफजीसीओ001183

सिक्का प्राप्त न होने की स्थिति में इसकी जानकारी ऑर्डर की तारीख से नब्बे (90) दिनों के भीतर संबंधित विभाग के ध्यान में लाई जानी चाहिए। डाक द्वारा भेजे गए सिक्का सेट के पहुँचने में देरी या उसके खो जाने पर टकसाल ज़िम्मेदार नहीं होगी और उसके एवज में दूसरा (सब्स्टीट्यूट) सिक्का सेट के लिए दावा तब तक नहीं स्वीकार किया जाएगा, जब तक कि डाक प्राधिकारी द्वारा बीमा राशि वापस नहीं कर दी जाती।

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सिंधु घाटी सभ्यता के दौरान खपत के विभिन्न प्रमाणों के साथ “श्री अन्न” भारत की घरेलू फसलों में सबसे पहली मानी जाती है। आजीविका उत्पन्न करने, किसानों की आय बढ़ाने और विश्व भर में खाद्य और पोषण की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी विशाल क्षमता के कारण यह बहुत महत्वपूर्ण है। वैश्विक रूप से, श्री अन्न के उत्पादन एवं क्षेत्र –विस्तार में भारत पहले स्थान पर है।

सर्वांग्रीण विकास में श्री अन्न की विशाल क्षमता को पहचानते हुए,जो संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को (एसडीजी) हासिल करने में सहयोगी है, भारत सरकार ने वर्ष 2011-12 से 2013-14 तक पोषण खाद्य सुरक्षा अभियान (एनएफएसएम) के तहत श्री अन्न को बढ़ावा देने को प्राथमिकता दी। अप्रैल 2018 में श्री अन्न को ‘पोषक अनाज’ के रूप में पुनः ब्रांड किया गया। तत्पश्चात बड़े पैमाने पर इसके संवर्धन और मांग को बढ़ाने के उद्देश्य से वर्ष 2018 को श्री अन्न राष्ट्रीय वर्ष के रूप में घोषित किया गया।

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर जागरूकता पैदा करने, उत्पादन में वृद्धि, उत्पादकता बढ़ाने और श्री अन्न की खपत बढ़ाने की दिशा में इस श्रृंखला को मजबूत करने के उद्देश्य से 5 मार्च 2021 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय श्री अन्न वर्ष घोषित किया। भारत सरकार के इस प्रस्ताव को 72 देशों का समर्थन मिला। यूएनजीए का उद्देश्य, इस घोषणा के माध्यम से खाद्य सुरक्षा और पोषण के लिए पोषक अनाज (श्रीअन्न ) के बारे में जागरूकता फैलाना, अनुसंधान एवं विकास तथा उसके विस्तार में निवेश बढ़ाना और उत्पादन की उत्पादकता और श्री अन्न की गुणवत्ता में सुधार के लिए हितधारकों को प्रेरित करना है। इसके अतिरिक्त, भारत सरकार का लक्ष्य श्री अन्न वर्ष 2023 को देश के लिए एक जन आंदोलन बनाना है, जो बाजारों, किसानों और उपभोक्ताओं को प्रेरित कर सके, ताकि भारतीय श्री अन्न, व्यंजनों और मूल्य वर्धित उत्पादों को विश्व स्तर पर स्वीकार किया जा सके ।

वर्ष 2023 में श्री अन्न को अपनाने और बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई गतिविधियों का आयोजन किया गया।

सिक्के का मूल्य वर्ग आकार और बाहरी व्यास मानक भार धातु संरचना
पचहत्तर रुपए मात्र

वृत्ताकार

व्यास- 44मिमी

दांतो की संख्या -200

35 ग्राम चतुर्थक मिश्र धातु

चाँदी – 50%, तांबा – 40%

निकेल – 05% and जिंक - 05%